जय हिन्द वन्देमातरम

जय हिन्द   वन्देमातरम

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

राष्ट्र भाषा हिंदी और राष्ट्रीय खेल हॉकी



सबसे पहले आप सभी लोगों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ  . देश के विभिन्न भागो में इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किये गए . पुरे दुनिया में हिंदी से जुड़े लोगों ने हिंदी दिवस को मनाया और आगे भी मानते रहेंगे. सरकारी बिभागों ने कुछ लोगों की नियुक्ति ही इसलिए कर के रखी है जिससे की हिंदी दिवस हर साल मनाकर एक औपचारिकता पूरी की जा सके .  कुछ एक कार्यक्रमों में हमने ऐसा भी देखा कि इस विशेष अवसर पर बड़े बड़े विद्वान अपने विचार रखते हुए हिंदी में न बोल पाने की मजबूरी बताते हुए माफ़ी भी मांग लेते हैं .
सरकार भले ही हिंदी दिवस को एक औपचारिकता समझती हो लेकिन कई विद्वानों ने इसके महत्व को समझा हैं ......

"अपनी संस्कृति  की विरासत हमें संस्कृत ,हिंदी ,गुजराती इत्यादि देशी भाषाओँ के द्वारा ही मिल सकती है. अंग्रेजी को अपनाना आत्मनाश होगा. सांस्कृतिक आत्महत्या होगी ."                                    
 ------महात्मा गाँधी    

"देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जाने वाली हिंदी ही राष्ट्रभाषा की अधिकारिणी है  "                      
------सुभाषचंद्र बोस       

"अखिल भारतवर्ष में हिंदी एक समान रूप से लोकप्रिय संपर्क भाषा है ,और सभी के लिए इसे बोलना ,समझाना सिखाना अच्छा है  " 
 ----चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य      

                                                                                                                                                                              "सभ्य संसार  के किसी भी जन -समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है  "                     
   -------महामना मदनमोहन मालवीय           


"अपनी मातृभाषा बांगला में लिखाकर मैं  "बंगबंधु "  तो हो गया ,किन्तु "भारतबंधु " मैं तभी हो सकूँगा जब भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी में लिखूंगा "
------          बंकिम चन्द्र चटर्जी   

                                                                                                                                                                           "हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में प्रांतीय भाषाओँ की हानि नहीं , वरन लाभ है  "    
 --------अनंतशयनम  अयंगार                                                           



"सरलता से सीखी जाने योग्य भाषाओँ में हिंदी सर्वोपरि है   "                     
   -------------लोकमान्य बालगंगाधर  तिलक                                       


"हिंदी वाह धागा है जो विभिन्न  मातृभाषा रूपी फूलों को पिरोकर भारतमाता के लिए सुन्दर तार का सृजन करता है "
डॉ. जाकिर हुसैन   

                                                                                                                                                                               "अंग्रेजी यहाँ दासी या अतिथि के रूप में ही रह सकती है .बहुरानी के रूप में नहीं   "              
 ------फादर कामिल बुल्के         


"हिंदी सीखे बिना भारतीयों के दिल तक नहीं पहुंचा जा सकता    "                                    
 --------डॉ लोठार लुत्से                                                     



"हिंदी हर प्रदेश में संयोजक भाषा के रूप में फैल गई है .यही भारत की राष्ट्रभाषा बन सकती है .अत यथाशीघ्र अपनी भाषा को राष्ट्रभाषा की प्रतिष्ठा देनी चाहिए .नहीं तो भारत इस संसार में और अधिक पिछड़ जाएगा   "                                 
------योहचि युकिशिता (जापान)                            



"हिंदी एक समृद्ध भाषा है .इसमें कोई दो मत नहीं हो सकता ,हिंदी एक सरल भाषा है और देवनागरी जैसी लिपि तो शायद ही कोई हो  "                        
-----डॉ प  आ वारान्निकोव  (हिंदी के प्रसिद्ध रुसी विद्वान् )    


"हिंदी ही भारत की एकमात्र राजभाषा हो सकती है भारत में उसकी पूरी प्रतिष्ठा होने पर यह सहज ही अंतरराष्ट्रीय भाषा बन सकती है ,क्योंकि अनेक देशों में हिंदी के अध्ययन में रूचि ली जा रही है   "                                                     

----बांक कन्वे  (कोरियाई भाषाविद एवं संस्कृत -हिंदी के विद्वान् )      



"हिंदी एक ऐसी भाषा है जो भारत में सर्वत्र बोली और समझी जाती है    "            
          -------जोर्ज ग्रियर्सन                                                         




"मैं चाहता हूँ कि  भारत की राजभाषा हिंदी तेरह कोहिनूरों का किरीट धारण कर भारतीय रंगमंच पर अवतीर्ण हो और मैं उसके इस रूप को इन्हीं आँखों से इसी जीवन में देखूं   "                                                 
 ---------ओडोलेन स्मेकल  ,   चेकेस्लोवाकिया 



ये तो रही विश्व भर के विद्वानों की हिंदी भाषा के सम्बन्ध में उल्लेखनीय विचार, अब  हमारे देश के माननीय गृह मंत्री का  हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम सन्देश  पर भी कुछ बात हो जाये . कभी गलती से भी हिंदी न बोलने वाले मंत्री जी का सन्देश विचारणीय है. ....

उन्होंने नगर राजभाषा कार्यान्वन समितियों के स्थापना की बात कही है .
हमें हिंदी का भी उतना ही ज्ञान होना चाहिए जितना प्रांतीय और अंतराष्ट्रीय भाषाओँ का .
उन्होंने हिंदी भाषा  के प्रगति के लिए कार्य कर रही विभिन्न सरकारी संस्थाओं को और प्रभावी बनाने पर बल दिया है .
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कुल मिलाकर मेरा मन तो यही कहता है की भारत में अंग्रेजी का हाल क्रिकेट और हिंदी का हाल  हॉकी जैसा है . जैसे कि हिंदी आज़ादी के बाद से ही आज तक अपना सम्मान पाने के लिए संघर्ष कर रही है वैसा ही हाल हॉकी का भी है . 

फिर भी हम तो आशावान है बौलीवुड , सॉफ्टवेयर जगत के दिग्गजों ( माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ) , सी-डेक , ब्लॉगजगत , विकिपीडिया , इन्टरनेट एवं विभिन्न हिंदी पुस्तकों के प्रकाशकों ने जो उल्लेखनीय कार्य किया है वह सराहनीय है . ये सभी आगे  भी हिंदी भाषा की प्रगति के लिए कार्य करते रहेंगे  और इस भाषा  को ऊँचे शिखर पर जरुर  ले जायेंगे. 

आपके क्या विचार है .........................?

44 टिप्‍पणियां:

G.N.SHAW ने कहा…

हिंदी को आगे बढ़ाना ही चाहिए , बढ़ भी रही है , पर लोग प्रयोग के समय झिझकते ज्यादा है ! अंग्रेजी बोलने में अपनी शान समझते है ! सब कुछ भूल कर हिंदी को प्रयोग में ज्यादा लानी पड़ेगी ! हिंदी के प्रगति के लिए रोज हिंदी दिवस !

कुमार राधारमण ने कहा…

अच्छा जोड़ा आपने। राष्ट्रीय अस्मिता जुड़ी कई और चीज़ें भी अपना हक़ नहीं पा सकी हैं।

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

हम हिंदी बोलने में गर्व करें .कोई अंग्रेजी बोलने वाले के सामने हीनता महसूस न करें.बस इतने ही संकल्प से बहुत बड़ा परिवर्तन आ जायेगा.हीनता बोध हटाना बहुत ही जरुरी है.

दिवस ने कहा…

"कुल मिलाकर मेरा मन तो यही कहता है की भारत में अंग्रेजी का हाल क्रिकेट और हिंदी का हाल हॉकी जैसा है ."
आदरणीय बहन रेखा जी, सौ प्रतिशत सही बात कही है आपने|

तकनीकी कार्यों में हिंदी व संस्कृत श्रेष्ठतम भाषाएँ हैं| यहाँ वे काम हो सकते हैं ओ अंग्रेजी में असंभव हैं|

धीरे धीरे हिंदी के लिए भी रुझान बढ़ रहा है| हमारा हिंदी ब्लॉग जगत भी इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जहां आपका भी योगदान सराहनीय है|

Bharat Bhushan ने कहा…

हिंदी की स्थिति को बखूबी कहा है आपने. आगर सरकारी कार्यालयों में अलग-अलग प्रकार के हिंदी सॉफ्टवेयर बंद करके केवल यूनीकोड हिंदी का प्रयोग जल्दी शुरू हो जाए तो भी हिंदी को देश की राजभाषा के तौर पर तीव्रगति मिल सकती है.

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहन रेखा जी,
अपने देश में अंग्रेजी का मोह करने वाले दरअसल गुलाम पसंद लोग हैं!
हिन्दी दिवस पर अच्छी प्रस्तुति!
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

संसद में अंग्रेजी बोलने वाले हिंदी में वोट मांगते


भारतीय जनता पार्टी के कला एवं संस्कृति मंच के जिलामंत्री एमके मशाल ने विज्ञप्ति जारी कर नेताओं से हिंदी में बोलने का आग्रह करते हुए कहा है कि 80 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और वे संसद में हिंदी में नहीं बोलते। अंग्रेजी में बोलना अपना शान समझते हैं। जब चुनाव आता है तो गीरगीट की तरह रंग बदल कर हिंदी में वोट मांगते हैं? उन्हें अपने आचरण में सुधार लाना चाहिए। जबकि हिंदी ने अपनी ताकत का एहसास सभी भाषाओं को करा दिया है। लंबे उप-निवेश का यह प्रभाव है कि बडे़ बाबूओं के पप्पुओं को हिग्िलश स्वीकार है लेकिन हिंदी नही। जबकि जापान और इजराइल ने अपनी मातृभाषा में विकास कर विश्व के प्रभावशाली देशों के दांत खट्टे कर दिए हैं।

इसलिए हिंदी बोलने में गर्व होना चाहिए।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_8215528.html

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

एक पुरानी कहावत है अंग्रेज चले गए औलाद छोड़ गए!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

हिन्दी दिवस पर एक सशक्त चिंतन, शुभकामनाएं.

रामराम.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर सशक्त पोस्ट..... सब कुछ समेट लिया आपने.... हमारी हिंदी मान बना रहे... आभार

ZEAL ने कहा…

राष्ट्र भाषा के सम्मान में आपका आलेख प्रशंसनीय है।

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ....

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

अच्छी सशक्त प्रस्तुति...

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

हिन्दी दिवस पर आपकी एक अद्भुत प्रस्तुति.....महापुरुषों के कथ्य को एक साथ पढ़ कर बहुत अच्छा लगा...सार्थक पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई

Udan Tashtari ने कहा…

सार्थक चिन्तन!!

निर्झर'नीर ने कहा…

बहुत ही सार्थक और प्रभावी लेखन है आपका ..अहोभाग्य आप मेरे ब्लॉग तक आये और हौसला_अफज़ाई की

सदा ने कहा…

सार्थक व सटीक लेखन ... आभार ।

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

आदरणीय रेखा जी
आप भी सादर आमंत्रित हैं,

अगर आप पसंद करें तो आप एक ब्लॉग सबका के सदस्य भी बन सकती हैं ,
मैं आपको आपकी भेजी हुई ईमेल ID पर ही न्योता भेजूंगा लिहाज़ा आप मुझे अपनी ID ईमेल कर दीजिये
अपनी राय से हमे अवगत कराए ........सवाई सिंह

http://apnaauraapkablog.blogspot.com/



आपके ब्लॉग को यहां जोड़ा है
1 ब्लॉग सबका
कृपया फालोवर बनकर उत्साह वर्धन कीजिये

virendra sharma ने कहा…

फिर भी हम तो आशावान है बौलीवुड , सॉफ्टवेयर जगत के दिग्गजों ( माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ) , सी-डेक , ब्लॉगजगत , विकिपीडिया , इन्टरनेट एवं विभिन्न हिंदी पुस्तकों के प्रकाशकों ने जो उल्लेखनीय कार्य किया है वह सराहनीय है . ये सभी आगे भी हिंदी भाषा की प्रगति के लिए कार्य करते रहेंगे और इस भाषा को ऊँचे शिखर पर जरुर ले जायेंगे.
बहुत ही सार्थक पोस्ट ,अर्थ पूर्ण व्यंग्य ,होकी और हिंदी दोनों ही सौतेली हैं .निगम साहब से
सहमत .

सोमवार, १९ सितम्बर २०११
मौलाना साहब की टोपी मोदी के सिर .

मनोज कुमार ने कहा…

अच्छे विचारों की माला।

अभिषेक मिश्र ने कहा…

हिंदी से जुड़े विचारों का महत्वपूर्ण संकलन प्रस्तुत किया है आपने. आभार

एक उभरती युवा प्रतिभा

Maheshwari kaneri ने कहा…

अच्छे और सार्थक विचारो की खूबसूरत झड़ी .....

संजय भास्‍कर ने कहा…

सशक्त पोस्ट....हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ....
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

Atul Shrivastava ने कहा…

हिंदी दिवस की बधाई हो।
अच्‍छा आलेख।
आभार।

डॉ० डंडा लखनवी ने कहा…

sarahneey lekh ke liye...badhayee swikar kijiy

Vivek Jain ने कहा…

बहुत सुंदर आलेख है,
बधाई,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

der se hi sahi, hamari shubhkamnayen sweekar karen.......:)

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

बहुत ही सुन्दर आलेख रेखा जी बधाई और शुभकामनाएं

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

बहुत ही सुन्दर आलेख रेखा जी बधाई और शुभकामनाएं

Suman ने कहा…

sarthak post sabhi bhashaye sammaniya hai....

Kunwar Kusumesh ने कहा…

हिंदी से सम्बंधित बहुत प्यारे कोटेशन्स .जय हिंदी,जय भारत.

प्रेम सरोवर ने कहा…

हिंदी के प्रति आपका प्रेम प्रशंसनीय है । धन्यवाद ।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

दिग्गजों के कथन को पुनःस्मरण कराके आपने एक स्तुतीय काम किया है। धन्यवाद॥

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

आपकी भावनाओं को नमन।

------
मनुष्‍य के लिए खतरा।
...खींच लो जुबान उसकी।

kanu..... ने कहा…

sach hai hindi hamari jaan hai aapki ye post padhkar bahut accha laga...is blog par bhi phli baar aana hua.accha laga

संजय भास्‍कर ने कहा…

... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....
आपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..
जय माता दी !!!!!!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…






आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

-राजेन्द्र स्वर्णकार

amrendra "amar" ने कहा…

बेहतरीन अभिव्यक्ति....
आपको सपरिवार नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं

अजय कुमार ने कहा…

acchha lekh

कविता रावत ने कहा…

बहुत ही सुन्दर आलेख ...
आपको सपरिवार नवरात्रि की शुभकामनाएं!

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग ने कहा…

Bahut Sundar Bat aapne likhi hai. aapko sapariwar navratra ki badhai.

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

hindi ke prati vidwaano ke vichaar padhkar achchha laga. hamaare desh mein hindi ki ahmiyat din ba din kam hoti ja rahi hai. jabtak sirf hindi shiksha ka maadhyam nahin banega hindi yun haashiye par rahegi aur hum hindi diwas aur hindi ka ek pakhwaada aupchaarik roop se manate rahenge. achchhe lekh ke liye shubhkaamnaayen.

तेजवानी गिरधर ने कहा…

i like your post and blog

Arunesh c dave ने कहा…

हिंदी को सबसे अधिक नुकसान हिंदी वादियो ने ही पहुंचाया है। शुद्धता बरकरार रखने की सनक में हिंदी मे दूसरी ाषाओ के श्ब्द नही जोड़े गये वरन विज्ञान आदि क्षेत्रो मे कृत्रिम श्ब्दो का निर्माण कर भाषा को बोझिल बना दिया गया।